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रामानंदाचार्यजी का  समाजके प्रति योगदान

जगद् गुरु रामानंदाचार्य नरेंद्राचार्य जी ने अपना संपूर्ण जीवन सेवा (निःस्वार्थ सेवा) को समर्पित किया है। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक सुधार, मानवता की सहायता और आध्यात्मिक सशक्तिकरण के समन्वय के माध्यम से समाज uplift करने का कार्य किया है।नीचे उनके नेतृत्व में संचालित 41 प्रमुख सेवा उपक्रमों का संक्षिप्त सार प्रस्तुत है —

 16. नेट ज़ीरो पहल

प्रकृति का संतुलन बनाए रखने के लिए जगद्गुरुओं के उपपीठों पर “नेट ज़ीरो” पहल चलाई जा रही है।
इस पहल के अंतर्गत निम्नलिखित कार्य किए जा रहे हैं:
• बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण |• सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना
• सौर ऊर्जा और अक्षय ऊर्जा का उपयोग |• ऊर्जा प्रबंधन और कचरा नियंत्रण प्रणाली | • जल संचयन और संरक्षण तकनीक | • जल प्रदूषण रोकने के उपाय |
• प्रदूषण रहित सामग्री का उपयोग |• लैंडस्केपिंग द्वारा पर्यावरण प्रबंधन

 

इन प्रयासों से उपपीठों पर कार्बन उत्सर्जन में कमी आ रही है और ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव को घटाने में सहायता मिल रही है।

  17. हरित क्रांति सेवा

महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक और तेलंगाना राज्यों के 1100 गांवों को “हरित गांव” बनाने का संकल्प लिया गया है। कुछ गांवों में प्रायोगिक स्तर पर इस हरित क्रांति की शुरुआत हो चुकी है, जो एक नई पर्यावरण-जागरूक क्रांति की नींव रखती है।

 18. आदिवासी युवाओं को स्वावलंबी बनाना

ठाणे और पालघर जिलों के आदिवासी युवाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए मोटर ड्राइविंग प्रशिक्षण विद्यालय स्थापित किया गया है। इस प्रशिक्षण से अनेक युवा पेशेवर चालक बनकर रोजगार प्राप्त कर रहे हैं और आत्मनिर्भर तथा स्थिर जीवन जी रहे हैं।

  19. धर्मजागृति सेवा

भारतीय संस्कृति, इतिहास, मूल्य और धर्म का ज्ञान प्रसारित करने के लिए “धर्मक्षेत्र नाणीजधाम” नामक मासिक पत्रिका प्रकाशित की गई है। इस पत्रिका के माध्यम से धर्मजागृति और सांस्कृतिक शिक्षा को बड़े पैमाने पर फैलाया जा रहा है।

 20. हिंदू नववर्ष स्वागत सेवा

हिंदू संस्कृति, परंपराओं और मूल्यों के प्रचार-प्रसार के लिए प्रत्येक जिले में भव्य शोभायात्राओं का आयोजन किया जाता है। इन विशाल यात्राओं के माध्यम से धर्म के प्रति गर्व की भावना बढ़ती है और सांस्कृतिक एकता और अधिक सशक्त होती है।

  21. पादुका दर्शन समारोह

वैदिक सनातन परंपरा के अनुयायियों को आध्यात्मिकता, भक्ति और उपासना का ज्ञान देने के लिए विभिन्न राज्यों में पादुका दर्शन समारोहों का आयोजन किया जाता है। इन समारोहों में हजारों हिंदू भक्त भाग लेते हैं। इस अवसर पर आध्यात्मिक प्रवचन दिए जाते हैं और कुछ उत्तर भारतीय राज्यों में श्रीकथा का भी आयोजन किया जाता है, जिससे व्यापक धर्मजागृति और सांस्कृतिक चेतना फैलती है।

 22. डिजिटल धार्मिक शिक्षा

जगद्गुरु रामानंदाचार्य नरेंद्राचार्य डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म्स और मोबाइल अनुप्रयोगों के माध्यम से प्रतिदिन लाखों लोगों को आध्यात्मिक कक्षाएं प्रदान करते हैं। इन कक्षाओं में निम्नलिखित विषयों पर विस्तार से चर्चा की जाती है:
• धर्म, संस्कृति और विज्ञान | • अंधविश्वास और उसका उन्मूलन
• सोलह संस्कार | • विभिन्न धर्मग्रंथों का विवेचन

प्रतिभागियों को सीधे प्रश्नोत्तर सत्रों में भाग लेने का अवसर मिलता है, जिससे उनकी शंकाओं का समाधान होता है और धर्म के प्रति उनकी समझ और भी दृढ़ होती है।

  23. आध्यात्मिक साहित्य और लेखन

कवि और लेखक के रूप में जगद्गुरु नरेंद्राचार्य ने अनेक आध्यात्मिक ग्रंथ और अभंग सरल और आम जन की भाषा में लिखे हैं। ये ग्रंथ समाज में आध्यात्मिक जागृति और सामाजिक परिवर्तन के प्रभावशाली साधन सिद्ध हुए हैं।

 24. युवक संगठन

वैदिक सनातन धर्म की रक्षा और प्रचार के लिए “युवा सेना” नामक एक विशाल युवा संगठन की स्थापना की गई है। 16 से 45 वर्ष आयु वर्ग के लाखों युवक-युवतियां इसमें सक्रिय रूप से भाग लेते हैं। इस संगठन के माध्यम से युवाओं में:
• धर्मनिष्ठा
• राष्ट्रप्रेम
• समाजसेवा की भावना उत्पन्न की जाती है।

  25.  महिला संगठन

“महिला सेना” के माध्यम से सभी आयु वर्ग की महिलाएं धर्म, संस्कृति और आध्यात्मिक ज्ञान समाज तक पहुंचाती हैं। महिलाओं के सशक्तिकरण हेतु विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जैसे:
• स्वास्थ्य और पारिवारिक देखभाल | • आत्मरक्षा प्रशिक्षण
• करियर मार्गदर्शन

 26.  हिंदू हितसंरक्षण

हिंदू धर्म पर हो रहे हमलों का सामना करने और समाज को जागरूक बनाने के लिए "हिंदू संग्राम सेना" सक्रिय रूप से कार्य करती है। यह संगठन धर्म, संस्कृति और परंपराओं पर हो रहे अन्याय के विरुद्ध आवाज उठाता है और समाज को अपने अधिकारों के प्रति सजग रहने की प्रेरणा देता है।

  27. आध्यात्मिक ज्ञान विरासत संरक्षण

आध्यात्मिक ज्ञान के प्रसार और उसकी प्राचीन विरासत को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से "ज्ञानपीठ" की स्थापना की गई है। यहां हजारों धर्मप्रवचकों को विभिन्न भाषाओं में प्रशिक्षण दिया जाता है, जिससे वे देशभर में और विश्वभर में आध्यात्मिक ज्ञान का प्रचार-प्रसार कर सकें।

 28. वैदिक सनातन विरासत संरक्षण

हर कुंभ मेले में स्वास्थ्य शिविर, आपातकालीन सेवाएं, स्वच्छता अभियान, अन्नदान और धर्मजागृति अभियान चलाए जाते हैं। साथ ही बड़े पैमाने पर लगाए गए होर्डिंग्स के माध्यम से समाज में धर्म के प्रति गर्व और एकता की भावना को प्रबल किया जाता है।

  29. साप्ताहिक सत्संग

हिंदू समाज में एकता और निरंतरता बनाए रखने के लिए हर रविवार सुबह 9 बजे साप्ताहिक डिजिटल सत्संग का आयोजन किया जाता है। इसके माध्यम से समाज सतत रूप से धर्म से जुड़ा रहता है और आध्यात्मिक उन्नति की दिशा में अग्रसर होता है।

 30. महा रक्तदान शिविर

थैलेसीमिया, सिकल सेल एनीमिया, रक्त कैंसर और गुर्दे की विफलता से पीड़ित रोगियों के लिए हर वर्ष जनवरी माह में 15 दिनों का महा रक्तदान शिविर आयोजित किया जाता है। इस सेवा अभियान के अंतर्गत लाखों यूनिट रक्त एकत्रित कर सरकारी रक्त बैंकों को प्रदान किया जाता है, जिससे अनगिनत जीवन बचाए जाते हैं।

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