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रामानंदाचार्य
नरेंद्राचार्यजी का गौरव

 

जगद् गुरु  रामानंदाचार्य नरेंद्राचार्य जी केवल एक आध्यात्मिक गुरु ही नहीं हैं, बल्कि धर्मसंवर्धन, समाजसेवा, राष्ट्रप्रेम और मानवता के कल्याण के लिए निरंतर कार्य करने वाले युगपुरुष हैं। उनके इस अद्वितीय योगदान के सम्मानस्वरूप उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अनेक पुरस्कारों और सम्मानों से विभूषित किया गया है। ये सभी सम्मान केवल उनके व्यक्तित्व का प्रतीक नहीं हैं, बल्कि उनके कार्य की विस्तार, प्रभावशीलता और आध्यात्मिक तेजस्विता का प्रमाण भी हैं।

राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय सम्मान

सन 2000 – ‘शिवतेज पुरस्कार’

अखिल भारतीय मराठा महासंघ के अध्यक्ष शशिकांत पवार द्वारा जगद्गुरुश्री को धर्मसंरक्षण और समाजसेवा के क्षेत्र में उनके विशिष्ट योगदान के लिए ‘शिवतेज पुरस्कार’ प्रदान किया गया।

11 अप्रैल 2004 – ‘धर्माचार्य’ एवं ‘पीठाधीश्वर’ उपाधि
 

श्री महंत ग्यानदास जी महाराज (राष्ट्रीय अध्यक्ष, अखिल भारतीय षड्दर्शन अखाड़ा परिषद एवं राम जन्मभूमि पुनरुद्धार समिति, हनुमानगढ़ी अयोध्या) द्वारा उज्जैन में जगद् गुरुश्री को ‘धर्माचार्य’ और ‘पीठाधीश्वर’ की उपाधियों से सम्मानित किया गया।

21 अक्टूबर 2005 – ‘जगद् गुरु रामानंदाचार्य’ उपाधि

अयोध्या में अखिल भारतीय षड्दर्शन अखाड़ा परिषद, वैष्णव सभी अखाड़ों, उप-अखाड़ों, चतुःसंप्रदाय एवं खालसों की उपस्थिति में जगद् गुरु रामानंदाचार्य हरीयाचार्य जी द्वारा नरेंद्राचार्य जी को ‘जगद् गुरु रामानंदाचार्य’ की सर्वोच्च उपाधि पर आसीन किया गया।

26 मई 2008 – ‘समाजसेवा पुरस्कार’

स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक, मुंबई द्वारा समाजहित में किए गए उत्कृष्ट कार्यों हेतु जगद् गुरु श्री को ‘समाजसेवा पुरस्कार’ प्रदान किया गया।

5 दिसंबर 2008 – ‘वीर जीव महाला पुरस्कार’

वाई, सातारा में शिवप्रतापगढ़ उत्सव समिति की अध्यक्षा विजयाराजे भोसले द्वारा जगद् गुरु श्री को “वीर जीव महाला पुरस्कार” से सम्मानित किया गया।

5 दिसंबर 2008 – ‘वीर जीव महाला पुरस्कार’

वाई, सातारा में शिवप्रतापगढ़ उत्सव समिति की अध्यक्षा विजयाराजे भोसले द्वारा जगद् गुरु श्री को “वीर जीव महाला पुरस्कार” से सम्मानित किया गया।

25 मई 2009 – ‘वीर सावरकर पुरस्कार’

मुंबई में विनायक सावरकर के पौत्र विक्रम सावरकर द्वारा प्रतिष्ठित ‘वीर सावरकर पुरस्कार’ से उन्हें सम्मानित किया गया।

20 फरवरी 2010 – ‘राष्ट्रसंत’ उपाधि

शिव प्रतिष्ठान, कोल्हापुर के अध्यक्ष भिडे गुरुजी द्वारा जगद् गुरु श्री को ‘राष्ट्रसंत’ की उपाधि प्रदान की गई।

20 अगस्त 2010 – ‘धर्माचार्य ब्रह्मचारी विश्वनाथजी पुरस्कार’

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहनराव भागवत द्वारा जगद् गुरु श्री को ‘धर्माचार्य ब्रह्मचारी विश्वनाथजी पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया।

14 अप्रैल 2012 – अंतरराष्ट्रीय शांति सम्मान

अमेरिका की J.N.M.G. Foundation Inc. द्वारा जगद् गुरु श्री को “बंधुता, शांति और तनावमुक्त जीवन का संदेश” देने के लिए नासाऊ काउंटी एक्जीक्यूटिव एडवर्ड पी. मंगानो द्वारा सम्मानित किया गया। इसके उपलक्ष्य में न्यू जर्सी विधान सभा ने 15 अप्रैल 2012 को एक प्रस्ताव पारित कर उनका स्वागत किया।

14 जून 2022 – ‘राज्यस्तरीय रक्तदाता गौरव सम्मान’

महाराष्ट्र राज्य रक्त संक्रमण परिषद द्वारा स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे के हाथों ‘राज्यस्तरीय रक्तदाता गौरव सम्मान’ से सम्मानित किया गया।

14 फरवरी 2025 – ‘मराठा समाजरत्न पुरस्कार’

अखिल भारतीय मराठा महासंघ द्वारा समाजसेवा और समाज उत्थान के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय कार्य हेतु ‘मराठा समाजरत्न पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया।

20 फरवरी 2025 – ‘राज्यस्तरीय रक्तदाता गौरव सम्मान’

महाराष्ट्र रक्त संक्रमण परिषद द्वारा पुनः उनकी मानवसेवा के लिए ‘राज्यस्तरीय रक्तदाता गौरव सम्मान’ से सम्मानित किया गया। महाराष्ट्र रक्त संक्रमण बैंक द्वारा हर वर्ष जगद् गुरु श्री को यह सम्मान प्रदान किया जाता है।

14 जून 2025 – इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी सम्मान

विश्व रक्तदाता दिवस के अवसर पर इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी द्वारा तेलंगाना राज्य के महामहिम राज्यपाल जिष्णु देव वर्मा के हाथों जगद्गुरुश्री को ‘इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी सम्मान’ से सम्मानित किया गया।

इन सभी सम्मानों से यह स्पष्ट होता है कि जगद्गुरु रामानंदाचार्य नरेंद्राचार्य जी का कार्य केवल भारत तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे विश्व में फैल चुका है। उनके आध्यात्मिक तेज, धर्मसंवर्धन के प्रयासों और निरंतर मानवसेवा ने उन्हें प्राप्त ये पुरस्कार केवल सम्मान नहीं, बल्कि सम्पूर्ण मानवता के कल्याण के लिए किए गए दिव्य कार्यों का प्रमाणपत्र हैं।

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